Causes of low Power Factor | Disadvantage of low Power Factor
लो पावर फैक्टर होने के कारण | लो पावर फैक्टर होने के डिसएडवांटेज (दुष्परिणाम)
"Hello engineers I am Vaibhav you are reading the post of electrical Zindagi it's a part of Shri Raadhe studies"
दोस्तों क्या आप भी इलेक्ट्रिकल बैकग्राउंड से हैं अगर हां तो आज की यह पोस्ट आपके लिए बेहद इंपॉर्टेंट होने वाली है क्योंकि आज की इस पोस्ट पर हम लोग इलेक्ट्रिकल की आत्मा मतलब पावर फैक्टर के बारे में बात करने वाले हैं।
दोस्तों अगर आपको नहीं पता तो मैं आपको बता दूं कि इससे पहले भी मैंने पावर फैक्टर के ऊपर कई पोस्ट लिखी हुई है अगर आपने उन पोस्ट को नहीं पढ़ा है तो मैं आपको नीचे लिंक दे रहा हूं आप उसमें क्लिक करके मेरी पिछली पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Contant covered in previous posts
(Click here to read)
(Click here to read)
पावर फैक्टर की पिछली पोस्टों में मैंने आपको बेसिक इंट्रोडक्शन ऑफ पावर फैक्टर जिसमें मैंने पावर फैक्टर की डेफिनेशन और पावर फैक्टर कितने टाइप का होता है और साथ ही में पावर फैक्टर की नेचर के बारे में आपको बताया था
उसी के बाद मैंने दूसरी पोस्ट भी पब्लिक की थी जिसमें मैंने आपको पावर फैक्टर के पावर ट्रायंगल के बारे में बताया था पावर फैक्टर में पावर ट्रायंगल किस तरीके से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है मैंने आपको उस पोस्ट में बताया था
आशा करता हूं कि आपने मेरी पिछली पोस्ट देखी होगी और अभी भी नहीं देखी है तो नीचे मैं लिंक दे रहा हूं आप उस पर क्लिक करके मेरी पिछली पोस्ट को देख सकते हैं तभी आपको आज की पोस्ट बेहतर समझ में आएगी तो चलेगा पावर फैक्टर से संबंधित आज कुछ नया सीख लेते हैं।
दोस्तों पावर फैक्टर की आज की इस पोस्ट में हम लोग पावर फैक्टर के खराब होने का कारण समझेंगे और साथ ही में यह भी समझेंगे की कम पावर फैक्टर अच्छा होता है या ज्यादा पावर पैक्ड अच्छा होता है इसके बारे में भी हम बात करेंगे और साथ ही में पावर फैक्टर के खराब होने से क्या-क्या डिसएडवांटेजेस हो सकते हैं इनके ऊपर भी हम लोग बात करने वाले हैं आज की या पोस्ट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होने वाली है तो पोस्ट को एंड तक की पढ़िएगा।
तो दोस्तों सबसे पहले हम लोग बात कर लेते हैं कि
पावर फैक्टर ज्यादा होना अच्छा होता है या कम होना अच्छा होता है?
वैसे तो दोस्तों पावर फैक्टर का मान जीरो से लेकर 1 के बीच में कुछ भी हो सकता है पर अगर बिल्कुल इजी वे में मैं आपको बोलूं तो पावर फैक्टर का मान जितना यूनिटी की तरफ होगा उतना ही बेहतर होता है यहां पर यूनिटी का मतलब है एक है।
उदाहरण के तौर पर हम मान लेते हैं हमारे पास दो उपकरण हैं उपकरण A और उपकरण B उपकरण A का पावर फैक्टर का मान 0.7 है और उपकरण B के पावर फैक्टर का मान 0.9 यहां पर हम देख सकते हैं कि उपकरण B के पावर फैक्टर का मान यूनिटी मतलब एक के अधिक नजदीक है इसलिए हम लोग कहेंगे कि उपकरण B का पावर फैक्टर का मान उपकरण A से अच्छा है
दोस्तों अगर आप भी इलेक्ट्रिकल बैकग्राउंड से हैं तो आपको एक बात अपने दिल पर बैठा कर रखी है कि पावर फैक्टर का मान जितना ही एक की तरफ होगा उतना ही हमारे सिस्टम के लिए बेहतर होगा ऐसा क्यों है इस पर भी हम लोग आगे बात करने वाले हैं।
तो चलिए मुझे लगता है कि अब तक आप जान गए होंगे कि पावर फैक्टर का मान कम होना बेहतर है या ज्यादा होना बेहतर है तो चलिए अब हम लोग बात कर लेते हैं कि किन कारणों की वजह से पावर फैक्टर का मान खराब हो जाता है? या यूं भी कह सकते हैं कि किन कारणों की वजह से पावर फैक्टर कमान यूनिटी से कम हो जाता है?
Causes of low power factorलो पावर फेक्टर होने के कारण
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि किन कारणों से पावर फैक्टर का मान कम हो जाता है तो इसके लिए आपको सबसे पहले पावर फैक्टर का मतलब पता होना चाहिए जो कि मैंने आपको बेसिक इंट्रोडक्शन ऑफ पावर फैक्टर के पोस्ट में बताया था अगर आपने भी यह पोस्ट नहीं पढ़ा है तो तुरंत पढ़ लीजिएगा लिंक मैं आपको नीचे दे रहा हूं।
Basic introduction of power factor कि इस पोस्ट में मैंने आपको पावर फैक्टर की आसान डेफिनेशन बताई थी जिसमें मैंने आपको बताया था कि इलेक्ट्रिकल सिस्टम में वोल्टेज और करंट के बीच का एंगल पावर फैक्टर कहलाता है
अब आपके मन में यह भी प्रश्न उठेगा की वोल्टेज और करंट के बीच के एंगल का क्या मतलब है? तो आपको बता दें करंट और वोल्टेज के बीच के एंगल को हम लोग फेज एंगल कहते हैं जिसके बारे में हमने डिटेल में बात बेसिक इंट्रोडक्शन ऑफ पावर फैक्टर के पोस्ट पर किया था वहां पर मैंने आपको बताया था की राजिस्टिव लोड में करंट और वोल्टेज के बीच में किसी भी प्रकार का फेस एंगल देखने को नहीं मिलता है उसी जगह इंडक्टिव और कैपसिटिव लोड में करंट और वोल्टेज के बीच में फेज एंगल देखने को मिलता है
साथी में मैंने आपको वहां पर यह भी बताया था की कैपेसिटिव लोड सामान्य तौर पर हमारे इलेक्ट्रिकल पर नहीं देखे जाते हैं इसलिए पावर फैक्टर की बात हम लोग कैपेसिटिव लोड पर नहीं करते हैं मतलब पावर फैक्टर की बात हम लोग इंडक्टिव लोड पर करेंगे
इलेक्ट्रिकल सिस्टम में इंडक्टिव लोड होने पर करंट वोल्टेज से 90 डिग्री लेग करती है हम यूं ही कह सकते हैं कि इलेक्ट्रिकल सिस्टम में इंडक्टिव लोड होने पर वोल्टेज करंट को 90 डिग्री से लीड करता है यहां पर जो मैंने आपको 90 डिग्री बताया इसी को हम लोग फेज एंगल कहते हैं
अब इंडक्टिव लोड में जितना ज्यादा फेज एंगल होगा उतना ही खराब हमारा पावर फैक्टर माना जाता है।
इतनी सारी बातों को बताने के बाद मुझे लगता है कि अब तक आपको आपका उत्तर मिल गया होगा कि पावर फैक्टर खराब कैसे होता है?
तो इसका एक लाइन में उत्तर है इलेक्ट्रिकल सिस्टम में इंडक्टिव लोड होने के कारण हमारा पावर फैक्टर खराब होता है।
Arc lamp, इलेक्ट्रिक डिसचार्ज लैंप और इंडस्ट्रियल हीटिंग फर्नेस के ऑपरेशन के दौरान भी हमारा पावर फैक्टर लो हो जाता है
Power system मैं लोड के ज्यादा बार घटने या बढ़ने के कारण भी पावर फैक्टर लो हो जाता है
दोस्तों यहां पर यह 3 मेन कारण होते हैं जिनकी वजह से पावर फैक्टर लो हो जाता है अर्थात पावर फैक्टर खराब हो जाता है
इलेक्ट्रिकल के स्टूडेंट होने के तौर पर अब आपके माइंड में क्वेश्चन आना चाहिए कि पावर फैक्टर के लो होने से क्या-क्या डिसएडवांटेजेस होते हैं? तो चलिए हम लोग बात कर लेते हैं पावर फैक्टर के लो होने से हमारे पावर सिस्टम में क्या-क्या डिसएडवांटेजेस होते हैं?
Disadvantage of low power factor
- Large KVA rating of equipment used in power system.
- Greater Conductor Size
- Large Copper loss
- Poor voltage regulation
- More electrical accessories required
Explanation_
1. पिछली पोस्ट में मैंने आपको बताया था की cos¢ = KW/KVA मतलब Cos¢ इन्वर्साली प्रपोस्शनाल KVA मतलब यह KVA का मतलब एप्रिंट पावर से है एप्रिंट पावर का मतलब सोर्स के द्वारा भेजी गई पावर से होता है ऐसी कंडीशन में अगर हमारा पावर फैक्टर कम होता है तो हमें सोर्स से भेजी गई पावर को ट्रांसमिट करने वाले इक्विपमेंट की रेटिंग बढ़ाना पड़ेगा जो कि अनइकोनॉमिकल है यह एक प्रकार से डिसएडवांटेज है कम पावर फैक्टर होने का।
2. कम पावर फैक्टर होने पर लोड की तरफ से सेम रेटिंग पर भी अधिक करंट की रिक्वायरमेंट होती है जिस कारण से कम पावर फैक्टर होने पर ट्रांसमिशन एंड डिसटीब्यूशन में उपयोग हो रहे हैं कंडक्टर का क्रॉस सेक्शन एरिया बढ़ जाता है जो कि एक प्रकार से कम पावर फैक्टर होने का डिसएडवांटेज है
3. आपको पता है। P = I²R यहां पर I²R copper loss है जैसे ही हमारा पावर फैक्टर कम होता है करंट की डिमांड लोड की तरफ से ज्यादा हो जाती है ऐसी कंडीशन पर हमारा कॉपर लॉस भी बढ़ जाता है जो कि कम पावर फैक्टर होने का डिश एडवांटेज है।
4. अल्टरनेटिंग करंट इलेक्ट्रिकल सिस्टम में आपको पता है वोल्टेज is inversely proportional to करंट मतलब करंट कमान बढ़ने से वोल्टेज कम होता है ऐसी कंडीशन में हमें लोड को जितना वोल्टेज की रिक्वायरमेंट थी उतना उसे वोल्टेज नहीं मिल पाता है और ऐसी कंडीशन को वोल्टेज रेगुलेशन कहते हैं जोकि कम पावर फैक्टर होने का डिसएडवांटेज है।
5. सेकंड पॉइंट पर मैंने आपको बताया है कि कम पावर फैक्टर होने पर किस तरह से करंट की डिमांड लोड के द्वारा बढ़ जाती है लोड के द्वारा करंट की डिमांड बढ़ने के कारण कंडक्टर का क्रॉस सेक्शन एरिया भी बढ़ जाता है और कंडक्टर अपने मूल भार से अधिक भारी हो जाता है जिस कारण कंडक्टर को हैंग करने वाले टावर की संख्या और साथ में उन में लगने वाली एसोसरीज की संख्या भी बढ़ जाती है जो कि अनइकोनॉमिकल है यह लो पावर फैक्टर होने का डिसएडवांटेज।
दोस्तों मैंने यहां पर आपको इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू और आपके सेमेस्टर एग्जाम को देखते हुए लो पावर फैक्टर के डिसएडवांटेज बताएं वैसे तो लो पावर फैक्टर होने का है कई डिसएडवांटेज हो सकते हैं पर अगर आप अपने इंटरव्यू और आंसर शीट में लो पावर फैक्टर होने के यह मेन कारण लिखते हैं तो भी आप अपने एग्जाम को क्रैक कर लेंगे
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के छात्र होने के तौर पर अब तक आपके मन में एक प्रश्न उठना चाहिए कि जब इतने डिसएडवांटेज है तो क्या हम लोग पावर फैक्टर को इंप्रूव नहीं कर सकते अगर हम लोग पावर फैक्टर को इंप्रूव कर सकते हैं तो किस तरीके से हम लोग लो पावर फैक्टर को इंप्रूव करेंगे आपके माइंड में निश्चित तौर पर यह प्रश्न आना चाहिए
दोस्तों यह पावर फैक्टर का यह आखिरी डिस्कशन पॉइंट होने वाला है इस पॉइंट को मैं नेक्स्ट पोस्ट में कवर करुगा।
आशा करता हूं कि आज की इस पोस्ट में मैंने आपको सभी चीजें विद एग्जांपल और इजी वे में समझाया है आपको अगर मेरी पोस्ट पसंद आती है तो अपने दोस्तों के साथ में शेयर करिएगा और अगर अभी भी मेरे टेलीग्राम ग्रुप और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन नहीं किया है तो ज्वाइन कर लीजिएगा ऐसी और भी पोस्टों की अपडेट में वहां पर देता रहता हूं लिंक आपको नीचे दिया गया है।
Electrical zindagi contact info...
If you have any quarry about Electrical and any other type you can ask me on my social media accounts.Electrical zindagi social media accounts...
Instagram| Facebook
Whatsapp Group | Telegram Group
Important Link | |
---|---|
पावर ट्रायंगल क्या होता है? | Click Here |
पावर फैक्टर को कैसे सही किया जा सकता है? | Click Here |
पावर फैक्टर का इंट्रोडक्शन | Click Here |
एक्टिव, रिएक्टिव और अपारेंट पावर क्या होती है? | Click Here |
Subscribe us on Youtube for regular updates | Click Here |
Join Us | Whatsapp Group | Telegram Group |