Electrodynamic Frequency Meter kya hota hai | Electrodynamic Frequency Meter kase kam krta hai

Electrodynamic Frequency Meter ka Construction

"Hello engineers I am Vaibhav you are reading the post of electrical Zindagi it's a part of Shri Raadhe studies"

दोस्तों आज की यह पोस्ट आपके लिए बेहद इंपॉर्टेंट होने वाली है क्योंकि आज की इस पोस्ट पर हम लोग इलेक्ट्रिकल से रिलेटेड एक बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न Electrodynamic Frequency Meter kya hota hai | Electrodynamic Frequency Meter kase kam krta hai पर बात करने वाले हैं यह प्रश्न आपके इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू में पूछा जाता है साथ ही में अगर आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके सेमेस्टर एग्जाम में भी पूछा जा सकता है तो इस पोस्ट को एंड तक पढ़िएगा और अपने दोस्तों के साथ में शेयर करिएगा ।

तो चलिए आज कुछ नया सीख लेते हैं... 

Electrodynamic Frequency Meter

Electrodynamic Frequency Meter kya hota hai | Electrodynamic Frequency Meter kase kam krta hai 

Electrodynamic Frequency Meter kya hota hai: इस उपकरण के माध्यम से एसी सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को मापा जाता है इस उपकरण की आंतरिक बनावट इलेक्ट्रोडायनेमिक मीटर की तरह होती है इलेक्ट्रोडायनेमिक मीटर अल्टरनेटिंग करंट पर ही ऑपरेट हो सकते हैं अर्थात इलेक्ट्रोडायनेमिक्स फ्रिकवेंसी मीटर सिर्फ अल्टरनेटिंग करंट पर ही ऑपरेट हो सकता है।

Construction of Electrodynamic Frequency Meter

Electrodynamic Frequency Meter ka Construction

Electrodynamic Frequency Meter ka Construction: 

Electrodynamic Frequency Meter ka Construction

फ्रीक्वेंसी मीटर में दो मूविंग क्वायल आपस में 90 डिग्री पर फिक्स होती है इन मूविंग क्वायल के मिडिल सेंटर से 1 प्वाइंटर कनेक्टेड होता है जो कि कलिब्रतेड स्केल में फ्रीक्वेंसी के मान को दर्शाता है।

मीटर की मूविंग क्वायल ब्रिज रेक्टिफायर के माध्यम से जुड़ी होती हैं।

ऊपर दिखाए गए चित्र के अनुसार क्वायल X जिस ब्रिज रेक्टिफायर के माध्यम से जुड़ी है उस ब्रिज रेक्टिफायर के इनपुट एसी सप्लाई में कैपेसिटर जुड़ा होता है

इसी प्रकार कॉइल Y के ब्रिज रेक्टिफायर के इनपुट सप्लाई के सीरीज में रजिस्टेंस जुड़ा होता है 

Frequency meter की रेटिंग रजिस्टेंस और कैपेसिटर की वैल्यू पर डिपेंड करती है।

सप्लाई को देने पर अगर एक्स और वाई क्वायल के डीसी सप्लाई में कोई अंतर होता है तो क्वायल ¢ डिग्री मूव करती है।

चुकीं  ¢ = F

अतः कॉल जितना डिग्री मुंह करेगी उतनी ही फ्रीक्वेंसी होगी।

Advantage

  • इस प्रकार के मीटर में लिनियर  स्केल का उपयोग किया जाता है
  • Spring controlling torque दिया जाता है
  • क्वाइल का मूवमेंट अप्लाई वोल्टेज पर डिपेंड नहीं करता है।
  • इस प्रकार के उपकरण का उपयोग सामान्यता सभी प्रकार के वोल्टेज वैल्यू की फ्रीक्वेंसी नापने में किया जा सकता है

Disadvantage

  • रेक्टिफायर डिस्टॉर्शन उत्पन्न करते हैं जिस कारण से रीडिंग गलत हो जाती है।

आशा करता हूं कि आज कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी इस पोस्ट को अपने अन्य दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें

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