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दोस्तों मैंने अपनी पिछली पोस्टों में आपको पावर फैक्टर क्या होता है | पावर फैक्टर लो होने के क्या कारण होते हैं | और पावर लो होने से क्या नुकसान हो सकता है इन सभी प्रश्नों पर चर्चा की थी और साथ में मैंने आपको पावर ट्रायंगल के बारे में भी जानकारी दी थी आशा करता हूं कि अपने वो सभी पोस्ट पढ़ी होगी पर अगर अभी तक अपने उन पोस्ट को नहीं पढ़ा तो नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से आप उन पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
पावर फैक्टर क्या होता है? Click Here
पावर ट्रायंगल क्या होता है Click Here
लो पावर फेक्टर होने के कारण वा उनके नुकसान Click Here
आज की ये पोस्ट बेहद ख़ास होने वाली है क्यों कि आज की इस पोस्ट में हम पावर फैक्टर कैसे सही करे | Power factor kase sahi kare | Power factor Improve kase kare इस प्रश्न के बारे में बात करने वाले है तो पोस्ट को एंड तक पढ़िएगा और अपने दोस्तों के साथ में शेयर करिएगा ।
तो चलिए आज कुछ नया सीख लेते हैं...
अगर आप मेरी पिछली पोस्ट पढ़ चुके हैं तो अब तक आप समझ गए होंगे कि लो पावर फैक्टर होने से हमारे इलेक्ट्रिकल सर्किट में कितना नुकसान होता है अगर किसी लोड का पावर फैक्टर कम है तो लोड सप्लाई सोर्स से अधिक करंट की डिमांड करेगा ऐसे में ओवरहीट उत्पन्न होगी जिस कारण ओवर करंट या शॉर्ट सर्किट जैसे फॉल्ट हो सकते हैं और हमारा इलेक्ट्रिकल सिस्टम डैमेज हो सकता है।
Power Factor Improve करने के लिए मुख्यता तीन विधियों का उपयोग किया जाता है।
Static Capacitor Method
Synchronous Condenser Method
Phase advancer method
तो चलिए इन सभी मेथड के बारे में वन बाय वन बात कर लेते हैं।
What is Static Capacitor power factor improvement method
Power Factor improvement me Capacitor Method kya hota hai
पावर फैक्टर इंप्रूवमेंट में कैपेसिटर मैथड क्या होता है
Power Factor improvement me Capacitor Method kya hota hai: lagging type Power factor में पावर फैक्टर को इंप्रूव करने के लिए लोड के पैरलल में कैपेसिटर जोड़ा जाता है इस तरह यह सिस्टम इलेक्ट्रिकल सर्किट में लेगिंग करंट को खत्म कर देता है या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो यह कुछ हद तक लेगिंग करंट को न्यूट्रलाइज कर देता है।
कैपेसिटर को इलेक्ट्रिकल सर्किट के पैनल में स्टार या डेल्टा फॉर्म में जोड़ सकते हैं।
अब यहां पर आपके मन में प्रश्न उठेगा की कैपेसिटी को सर्किट के पैरेलल में लगाने से पावर फैक्टर कैसे इंप्रूव हो जाता हैं?
यकीनन आपका यह प्रश्न काबिले तारीफ है चलिए अब इस पर चर्चा कर लेते हैं।
Static capacitor lagane se power factor improve kase hota hai?
स्टैटिक कैपेसिटी लगाने से पावर फैक्टर इंप्रूव कैसे होता है?
Static capacitor lagane se power factor improve kase hota hai: मैंने अपनी पिछली पोस्ट में आपको बताया हुआ है की मुख्यता इलेक्ट्रिकल सर्किट में रेसिस्टिव या इंडक्टिव लोड होते हैं यदि सर्किट में प्योर रिजिस्टिव लोड है ऐसे में पावर फैक्टर लगभग यूनिटी रहता है यदि इंडक्टिव लोड है तो पावर फैक्टर लेगिंग नेचर का होगा ऐसे में करंट वोल्टेज से पीछे चलता है
ऐसे में करंट को वोल्टेज के बराबर लाने के लिए सर्किट में लीडिंग नेचर का इलेक्ट्रिकल उपकरण लगाना चाहिए।
ऊपर चित्र के अनुसार कैपेसिटर में करंट वोल्टेज से लीड करती है ऐसे में अगर सर्किट का लगिंग करंट है तो उसे सही करने के लिए लीडिंग नेचर का इलेक्ट्रिकल उपकरण (कैपेसिटर) लगाते हैं।
आशा करता हूं कि अब तक आप समझ गए होंगे कि पावर फैक्टर को इंप्रूव करने के लिए कैपेसिटर किस तरह कार्य करता है।
पावर फैक्टर को इंप्रूव करने के लिए कैपेसिटर के उपयोग के कुछ लाभ और कुछ हानियां सर्किट में देखने को मिलती हैं जो कि निम्नलिखित हैं
ADVANTAGE
- रखरखाव की कम आवश्यकता होती है।
- इसे आसानी से सर्किट के साथ इंस्टॉल किया जा सकता है।
- यह सिस्टम सभी प्रकार की परिस्थितियों में कार्य करने में सक्षम है।
- अन्य सिस्टम की तुलना में यह कम खर्चीला है।
- आवश्यकतानुसार कैपेसिटर की मात्रा घटाई व बढ़ाई जा सकती है।
DISADVANTAGES
- इस प्रकार के सिस्टम की सर्विस लाइफ काफी कम होती है लगभग 8 से 10 साल।
- यदि किसी कारणवश रेटेड वैल्यू से वोल्टेज बढ़ जाता है तो पूरा सिस्टम खराब हो जाता है।
- यदि सिस्टम में कोई कैपेसिटी खराब हो जाता है तो उसे ढूंढना काफी कठिन होता है।
What is Synchronous Condenser power factor improvement method
Synchronous Condenser se power factor kase improve hota hai
Synchronous Condenser se power factor kase improve hota hai: जब ओवर एक्साइटेड सिंक्रोनस मोटर को नो लोड पर रन कराया जाता है और इसे सप्लाई के पैरलाल में जोड़ते है तब ये मोटर सप्लाई से लेगिंग पावर फैक्टर को न्यूट्रलाइज करती है सिंक्रोनस मोटर का इस तरह उपयोग करने से इस को सिंक्रोनस कंडेनसर या सिंक्रोनस कैपेसिटर भी कहते हैं।
Synchronous motor Use as Synchronous Condenser read full artical Click Here
What is Phase advancer power factor improvement method
Phase advancer se power factor kase improve hota hai
Phase advancer se power factor kase improve hota hai: इंडक्शन मोटर के पावर फैक्टर को इंप्रूव करने के लिए फेस एडवांसर का उपयोग किया जाता है।
इंडक्शन मोटर में आर्मेचर वाइंडिंग के कारण पावर फैक्टर लो हो जाता है अगर इंडक्शन मोटर का पावर फैक्टर इंप्रूव करना हो तो इंडक्शन मोटर के शाफ़्ट के साथ AC Exciter जोड़ा जाता है जब इंडक्शन मोटर रन करती है तब उसके साथ के साथ जुड़ा हुआ एक्साइटर का रोटर भी रन करता है जिससे एक्साइटर सेम फ्रिकवेंसी का वोल्टेज जनरेट करने लगता है अब इस वोल्टेज को इंडक्शन मोटर के आर्मेचर वाइंडिंग को दे दिया जाता है।
ऐसा करने से रियाद टू कंपोनेंट कमान कम हो जाता है और पावर फैक्टर यूनिटी की तरफ शिफ्ट हो जाता है।
आशा करता हूं कि आज कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी इस पोस्ट को अपने अन्य दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें
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