Synchroscope kya hota hai | Waston type Synchroscope | Electrodynamometer type Synchroscope
"Hello engineers I am Vaibhav you are reading the post of electrical Zindagi it's a part of Shri Raadhe studies"
दोस्तों आज की यह पोस्ट आपके लिए बेहद इंपॉर्टेंट होने वाली है क्योंकि आज की इस पोस्ट पर हम लोग इलेक्ट्रिकल से रिलेटेड एक बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न Synchroscope kya hota hai | Waston type Synchroscope | Electrodynamometer type Synchroscope | Moving iron type Synchroscope पर बात करने वाले हैं यह प्रश्न आपके इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू में पूछा जाता है साथ ही में अगर आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके सेमेस्टर एग्जाम में भी पूछा जा सकता है तो इस पोस्ट को एंड तक पढ़िएगा और अपने दोस्तों के साथ में शेयर करिएगा ।
तो चलिए आज कुछ नया सीख लेते हैं...
What is Synchroscope?
Synchroscope kya hota hai?
Synchroscope क्या होता है?
Synchroscope kya hota hai: पावर सिस्टम में लोड की डिमांड बढ़ने पर कई बार अल्टरनेटर या ट्रांसफॉर्मर का parallel ऑपरेशन कराया जाता है मतलब कोई दो या दो से अधिक अल्टरनेटर या ट्रांसफार्मर आपस में parallaly कनेक्ट किए जाते हैं।
ऐसा करने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों ही अल्टरनेटर य ट्रांसफॉर्मर समान रेटिंग के हो मतलब दोनों ही उपकरणों की आउटपुट वोल्टेज क्षमता फ्रीक्वेंसी और फेस एंगल समान होने चाहिए।
यह तीनों ही चीजों की समानता नापने के लिए Synchroscope का उपयोग किया जाता है।
Types of Synchroscope
- Waston type Synchroscope/Electrodynamic type Synchroscope
- Moving iron type Synchroscope
What is Waston type Synchroscope?
Waston type Synchroscope kya hota hai?
Waston type Synchroscope क्या होता है?
Waston type Synchroscope kya hota hai: इसका अन्य नाम Electrodynamic type Synchroscope भी है।
इस डिवाइस के दो पार्ट होते हैं स्टैटिक एंड डायनेमिक।
स्टैटिक पार्ट 3 लिंब से बना हुआ एक प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है।
जिसमें मध्य के लिंब में एक लैंप कनेक्टेड होता है।
आउटर लिंब की एक वाइंडिंग पहले से लोड के साथ कनेक्टेड bus bar के किन्ही दो फेस के साथ जोड़ी जाती है। माना चित्र में दिखाए गए उपकरण में एक तरफ की वाइंडिंग Y और B फेस के साथ जोड़ी गई है।
उपकरण के दूसरी तरफ की आउटर लिंब का कनेक्शन parallel में जोड़े जा रहे अल्टरनेटर या ट्रांसफार्मर के सेम फेस में जोड़ा जाता है जिस फेस के साथ पहली वाइंडिंग के टर्मिनल जोड़े गए हैं (Y,B Phase)
ऐसा करने से ट्रांसफार्मर की कोर में दो फ्लेक्स जनरेट होते हैं यह दोनों ही फ्लेक्स अपने मार्ग को पूरा करने के लिए सेंट्रल लिंब से होकर गुजरते हैं यदि दोनों ही फ्लेक्स एक दूसरे के सेम डायरेक्शन में होते हैं तो ऐसे में सेंट्रल लिंब में उत्पन्न होने वाला emf लैंप को जलाने के लिए पर्याप्त होता है परिणाम स्वरूप जुड़ा हुआ लैंप जलने लगता है।
यदि दोनों फ्लक्स आपस में विपरीत दिशा में होते हैं तो ऐसे में सेंट्रल लिंब में रिजल्टेंट फ्लक्स उत्पन्न नहीं हो पाता और यह emf पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता जिस कारण लैंप प्रकाशित नहीं हो पाता।
जब बल्ब प्रकाशित होता है तो इसका मतलब यह है कि ट्रांसफार्मर के दोनों तरफ की वाइंडिंग समान फेज के साथ जोड़ी गई हैं यदि लैंप नहीं प्रकाशित होता है तो इसका मतलब यह है कि ट्रांसफार्मर की दोनों वाइंडिंग अलग-अलग फेज के साथ जोड़ी गई है।
यदि लैंप बार-बार जल बुझ रहा हो (Flickering) तो इसका मतलब यह है की दोनों ही अल्टरनेटर या ट्रांसफार्मर की फ्रीक्वेंसी अलग-अलग है।
यदि लैंप का प्रकाश अधिक चमकदार होता है तो इसका मतलब है कि दोनों ही तरफ के वोल्टेज क्षमता समान है यदि लैंप कम प्रकाशित होता है तो इसका अर्थ है कि दोनों तरफ की क्षमता अलग-अलग है।
यदि लैंप बिना Flickering करें तेज प्रकाश के साथ लगातार जलता रहता है तब हम सिंक्रोनाइजिंग स्विच को ऑन कर देते हैं और दोनों ही अल्टरनेटर या ट्रांसफार्मर को आपस में कनेक्ट कर देते हैं।
इस डिवाइस का डिसएडवांटेज यह है कि लैंप अधिक चमकदार है या फिर कम चमकदार है इसकी तुलना सही से नहीं हो पाती है।
कभी-कभी दोनों ही अल्टरनेट या ट्रांसफार्मर के बीच बहुत कम फ्रीक्वेंसी का अंतर होता है जिस कारण बल्ब अति त्रीव्य गति के साथ जलता बुझता है जिसका पता सामान्यता नहीं चल पाता।
इन सभी परेशानियों को देखते हुए सिंक्रोनाइजिंग के लिए नए उपकरण का निर्माण किया गया है
What is MOVING iron type Synchroscope?
MOVING iron type Synchroscope kya hota hai?
MOVING iron type Synchroscope क्या होता है?
Moving iron type Synchroscope kya hota hai: इस उपकरण में दो प्रकार की कॉइल का उपयोग किया जाता है।
- Fixed Coil (Current Coil)
- Moving Coil (Presure Coil)
मूविंग कॉइल से 1 प्वाइंटर जुड़ा होता है जब दोनों ही डिवाइस अल्टरनेटर या ट्रांसफार्मर की फ्रीक्वेंसी समान होती है तब प्वाइंटर स्टडी स्टेट अवस्था में सीधा रहता है परंतु यदि फ्रीक्वेंसी अधिक होती है तो प्वाइंटर फास्ट डायरेक्शन में मूव करता है यदि फ्रीक्वेंसी कम होती है तो प्वाइंटर स्लो डायरेक्शन में मूव करता है
आशा करता हूं कि आज कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी इस पोस्ट को अपने अन्य दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से जुड़ा कोई भी प्रश्न य इस पोस्ट के संदर्भ में आपका कोई सुझाव हो तो आप हमें हमारे व्हाट्सएप नंबर 8840546854 पर मैसेज कर सकते हैं धन्यवाद।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से जुड़े आने वाली अन्य पोस्ट दो की जानकारी पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम ग्रुप को जरूर जॉइन करें।
If you have any quarry about Electrical and any other type you can ask me on my social media accounts.
Electrical zindagi contact info...
🤩You might like these posts... |
---|